ओमनाथ गौदारा धांधलास जालप

ॐ नमः शिवाय:

ओमनाथ गौदारा

गाँव - धांधलास जालप, रलियावता रोड धड़ी,

तहसील - मेड़ता सीटी, जिला - नागौर, राजस्थान -341510

Sunday 19 August 2012

ओमनाथ गौदारा धांधलास जालप

ओमनाथ गौदारा 

गाँव - धांधलास जालप, रलियावता रोड धड़ी,
तहसील - मेड़ता सीटी, जिला - नागौर, राजस्थान -341510


-दिन में कम से कम एक बार अपने आप से अवश्य बात करो !
अन्यथा आप संसार के एक महत्त्व-पूर्ण व्यक्ति से मिलने से वंचित रहते हैं !

-- स्वामी विवेकानन्द

कितना महत्त्वपूर्ण उद्बोधन है यह !
प्रत्येक को प्रति दिन कुछ समय अपने आप से बात करनी चाहिए !
अपने आप से महत्त्वपूर्ण किसी के लिए और कौन हो सकता है ?
वह उससे नहीं मिलता है तो इससे बड़ी मिसिंग, हानि और क्या हो सकती है !
जो अपने आप से बात करता है, वह अपनी भूलें, चूकें सुधारता है !
जो अपने आप से बात करता है, वह अपने आप को संवारता है !
जो अपने आप से बात करता है, वह
''आपन तेज सम्हारो आपै ! तीनों लोक हांकते काँपे !! ''
को प्राप्त होता है !
अर्थात
जो अपने आप से बात करता है, उसका तेज प्रकट होता है और वह न तो अपनी क्षमताओं को भूलता है और न अपने लक्ष्य को भूलता है !
अर्थात
जो अपने आप से बात करता है, उसकी क्षमताओं और योग्यताओं का मार्ग प्रशस्त होता है !
अर्थात
जो अपने आप से बात करता है, उसका विकास होता है !
और
जो अपने आप से बात करता है, उसका आत्म-विकास होता है !
अब कौन बावला होगा जो कुछ समय अपने से बात करने के लिए
अर्थात
अपने आप को पढ़ने के लिए नहीं निकालेगा ?
इसको कहते हैं असली स्वाध्याय !
असली स्वाध्याय अर्थात
स्व का अध्याय अर्थात अपने आप को पढो,
अपने आप को सवारों,
अपने आप को गढ़ो !
जय हो स्वामी विवेकानन्द जी की
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